शुक्रवार, 25 जून 2010

कमर तोड़ देगी महंगाई

हमारे लोकतांत्रिक देश की सरकार ने ईंधन की कीमतों को एक बार फिर बढ़ा दिया है और साथ में यह तुर्रा  यह दिया गया है कि मूल्यों पर से सरकारी नियंत्रण हटाने के लिए ऐसा किया गया है।

पेट्रोल, डीजल, केरोसीन और रसोई गैस के दाम बढ़ा दिए गए हैं। सरकार नियंत्रण हटे ना हटे पर घरेलू बजट जरूर अनियंत्रित कर दिया गया है। पहले ही महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है उस पर से दाम बढ़ाने का चाबूक। वैसे भी इस महंगाई का असर हमारे माननीय जनप्रतिनिधियों पर तो पड़ता नहीं है, इसलिए वो बेहिचक दाम बढ़ा देते हैं।

तकनीकी रूप में सरकार का यह कदम भले ही सही हो, लेकिन इसका तात्कालिक खामियाजा तो आम जनता को ही भुगतना होगा।

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