मंगलवार, 25 सितंबर 2007

लेकिन अब गंगा तेरे शहर से मेरे शहर में नहीं आती


तेरे शहर से होकर गंगा
जब
मेरे शहर को आती थी
अपने साथ तेरे होने का
अहसास लाती थी
इन्‍हीं अहसासो ने
मुझे जीने की प्रेरणा दी
लेकिन अब गंगा तेरे शहर से
मेरे शहर में नहीं आती

फिर हम एक न हो सके तो क्‍या
तेरे अहसास को
मैने हमेशा अपना बना कर रखा
मुझे विश्‍वास है हम मिलेंगे फिर से
लेकिन रिश्‍तों मे शायद वो पहली सी बात न हो
लेकिन मै महसूस करूंगा
उस हर पल को जो मैने तेरे साथ बिताए हैं

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