सेना के आधुनिकीकरण की प्रतिबद्धता जताते हुए चीन ने गुरुवार को अपने रक्षा बजट में 7.5 प्रतिशत के इजाफे की घोषणा की। देश का रक्षा बजट अब 77.9 अरब डॉलर हो गया है, जो भारत से लगभग दोगुना है।
शिन्हुआ ने चीन की संसद के प्रवक्ता ली झाओक्सिंग के हवाले से कहा कि बढ़ी हुई राशि का उपयोग चीन की सैन्य क्षमताओं के इजाफे और विभिन्न खतरों से निपटने में किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि चीन का रक्षा खर्च सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का सिर्फ 1.4 प्रतिशत है, जो अमेरिका में चार प्रतिशत है।
चीन के पास दुनिया में सबसे बड़ी सेना है, जिसमें लगभग 23 लाख सैनिक हैं। ली ने कहा कि राशि का एक बड़ा भाग सैनिकों की स्थिति सुधारने और उनके वेतन में खर्च किया जाएगा।
लेकिन अर्थ विशेषज्ञों का मानना है कि चीन कभी भी सैन्य खर्च के मामले में पारदर्शी नहीं रहा और इस ओर उसका कुल खर्च उससे लगभग दोगुना है, जितने का वह दावा करता है।
कहीं इसके पीछे चीन की कुछ और मंशा तो नहीं है। (लाइव हिंदुस्तान से साभार)
खतरा सामने है पर फिर आंखे बन्द हैं.
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