बुधवार, 15 मई 2013

The IM Story


आतंकवाद के साप ने एक बार फिर भारत पर अपना जहर उगला है और हैदराबाद को दूसरी बार इसका शिकार बनाया है। हैदराबाद में हुए आतंकी धमाके की सुगबुगाहट कुछ महीने पहले से ही दिखने लगी थी। दरअसल, मुंबई और पुणे धमाकों में शामिल इंडियन मुजाहिदीन के तीन संदिग्ध आतंकी मुंबई के आसपास पिछले दो साल से भेष बदलकर घूम रहे थे। एटीएस के मुताबिक ये आतंकी बड़ी आतंकी योजना को अंजाम देने की फिराक में थे। एटीएस ने संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें जारी कर खबर देने वाले को 10 लाख रुपए इनाम देने का एलान भी किया था।

महाराष्ट्र एटीएस ने मुताबिक चारों मुंबई, पुणे के गुनहगार हैं और अब ये महाराष्ट्र में फिर कोई बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने का प्लान बना रहे हैं। यासीन भटकल उर्फ अहमद उर्फ जर्रार उर्फ सिद्धीबाबा उर्फ इमरान उर्फ शाहरुख, तहसीन उर्फ वसीम उर्फ मोनू उर्फ हसन, असदुल्लाह उर्फ जावेद उर्फ हड्डी उर्फ तबरेज उर्फ शाकिर उर्फ दानियाल और वकस उर्फ अहमद। महाराष्ट्र एटीएस के मुताबिक इन चारों ने 13 जुलाई 2011 को मुंबई और एक अगस्त 2012 को पुणे में हुए सीरियल बम धमाकों को अंजाम दिया। एटीएस के मुताबिक यासीन भटकल जो कि इंडियन मुजाहिदीन का मोस्ट वांटेड आतंकी है वो मुंबई और पुणे के अलावा कई और धमाकों में वांटेड है। बाकी तीनों भी न सिर्फ धमाकों की साजिश में शामिल थे बल्कि ये सभी धमाकों के प्लांटर्स भी हैं, यानि इन्होंने उन धमाकों को अंजाम देने के लिए बमों को उनकी जगहों पर रखा था।

महाराष्ट्र एटीएस के मुताबिक इनमें से तीन यासीन भटकल, तहसीन और असदुल्लाह पिछले दो सालों से मुंबई और उसके आसपास रह रहे हैं। उन्हें फिलहाल वकस उर्फ अहमद के बारे में ज्यादा पुख्ता जानकारी नहीं है। उसके मुताबिक शायद वो देश से बाहर निकल गया है। एटीएस की मानें तो ये सभी भेष बदलने में माहिर हैं और पिछले 2 साल से ये सभी मुंबई के आसपास कभी छात्र बनकर हॉस्टल में रह रहे हैं। कभी आईटी कंपनी के कर्मचारी बनकर रह रहे हैं तो कभी कॉल सेंटर के कर्मचारी बनकर रह रहे हैं। एटीएस कई बार इनके करीब पहुंची लेकिन ये इतने शातिर हैं कि इन्होंने एटीएस के पहुंचने से पहले ही अपना ठिकाना बार-बार बदल लिया। आखिरकार दो साल की तलाश में नाकाम रहने के बाद अब एटीएस ने इन्हें पकडऩे के लिए इनकी तस्वीर जारी की है। साथ ही इनके बारे में खबर देने वाले को 10 लाख रुपए के इनाम का भी एलान किया है।

आतंकियों के नापाक मंसूबों को रोकने के लिए एंटी टेरर सेल यानी एटीसी की नजर हॉस्टल और कॉल सेंटरों पर खास तौर से है। यही नहीं एटीएस ने देश के सभी पुलिस थानों और खुफिया विभागों को भी इन आतंकियो की तस्वीरें भेज दी हैं। एटीएस की सबसे बडी उम्मीद अब लोगों से हैं क्योंकि आंतकियों के चेहरे से छात्र का नकाब हटाने में आम आदमी ही अहम भूमिका निभा सकता है।

एक नजर डालते हैं दहशतगर्दों की हालिया करतूतों पर :

  • दिल्ली, सात सितंबर 2011 : सुबह दिल्ली हाईकोर्ट के गेट नंबर पांच के बाहर बम धमाका। नौ की मौत और 50 घायल।
  • मुंबई, 13 जुलाई, 2011 : शाम को हुए तीन बम धमाके से 17 की मौत और 131 लोग घायल।
  • दिल्ली, 19 सितंबर, 2010 : मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों से पहले जामा मस्जिद के बाहर विदेशी पर्यटकों की एक बस को निशाना बनाया और दो ताईवानी नागरिकों को घायल कर दिया।
  • बेंगलुरू, अप्रैल 17,2010 : बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए दो बम धमाकों में 15 लोग घायल।
  • पुणे, फरवरी 10, 2010 : पुणे में जर्मन बेकरी में हुए धमाके में पांच महिलाओं और कुछ विदेशियों समेत नौ लोग मारे गए और 45 घायल हुए।
मुंबई हमले
  • मुंबई, नवंबर 26-29, 2008 : मुंबई के तीन स्थानों: ताज होटल, ओबेरॉय होटल और विक्टोरिया टर्मिनस पर हुए हमले तीन दिन तक चले और इनमें लगभग 170 लोग मारे गए और 200 अन्य घायल हो गए।
  • असम, अक्टूबर 30, 2008 : असम में एक साथ 18 जगहों पर हुए बम धमाकों में 70 से अधिक लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हो गए।
  • इम्फाल, अक्टूबर 21, 2008 : मणिपुर पुलिस कमांडो परिसर पर हुए हमले में 17 लोग मारे गए
  • मालेगांव, सितंबर 29, 2008 : महाराष्ट्र के मालेगांव में एक वाहन में बम धमाके के कारण पांच लोगों की मौत।
  • मोडासा, सितंबर 29, 2008 : गुजरात के मोडासा में एक मस्जिद के पास हुए धमाके में एक व्यक्ति की जान चली गई।
दिल्ली में धमाका
  • दिल्ली, सितंबर 27, 2008 : दिल्ली में महरौली के बाजार में फेंके गए एक देसी बम के कारण तीन लोग मारे गए।
  • दिल्ली, सितंबर 13, 2008 : दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर हुए बम धमाकों में कम के कम 26 लोग मारे गए और अनेक घायल हुए।
  • अहमदाबाद, जुलाई 26, 2008 : दो घंटे के भीतर 20 बम विस्फोट होने से 50 से अधिक लोग मारे गए।
  • जयपुर, मई 13, 2008 : शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 68 लोग मारे गए और अनेक घायल हुए।
  • रामपुर, जनवरी 1, 2008 : उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कैंप पर हुए हमले में आठ लोगों की मौत।
  • लखनऊ, फैजाबाद, वाराणसी, नवंबर 23, 2007 : उत्तर प्रदेश के तीन शहरों में हुए धमाकों में 13 मारे गए कई घायल हुए।
  • अजमेर, अक्टूबर 11, 2007 : राजस्थान के अजमेर शरीफ में हुए धमाके में दो मारे गए।
हैदराबाद में धमाके
  • हैदराबाद, अगस्त 25, 2007 : आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुए धमाके में 35 लोगों की जान गई।
  • हैदराबाद, मई 18, 2007 : जयदराबाद में मक्का मस्जिद धमाके में 13 लोग मारे गए।
  • समझौता एक्सप्रेस, फरवरी 19, 2007 : भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में हरियाणा में धमाके, 66 यात्री मारे गए।
  • मालेगांव, सितंबर 8, 2006 : महाराष्ट्र के मालेगांव में तीन धमाकों में 32 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हुए।
  • मुंबई, जुलाई 11, 2006 : मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 170 लोग मारे गए और 200 घायल हो गए।
ब्लास्ट के बाद किसने क्या कहा?
प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने बम धमाकों को 'कायराना हमला' करार दिया है तो बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इसकी गंभीरता से जांच कराने की मांग की है। वहीं, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की काबिलियत पर ही सवाल उठा दिया है।

हमले बर्दाश्त नहीं
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि इस तरह की कायरतापूर्ण हरकतें शांति और सौहाद्र्र में खलल डालने वाली हैं। ऐसे हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।

कायराना हमला
पीएमओ की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने बम विस्फोटों की कड़ी निंदा की है। साथ ही लोगों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील की है।

गंभीरता से हो जांच
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने विस्फोट में शिकार हुए लोगों के लिए दुख प्रकट करते हुए ईश्वर से मृतकों के परिजनों को इस गम से लडऩे की शक्ति प्रदान करने की कामना की। उन्होंने सरकार से इस मामले की गंभीरता से जांच कराने की मांग की।

दुख का सामना करने की जरूरत
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि यह वाकई में बेहद ही निंदनीय काम है। इस घटना पर मुझे गहरा दुख है। भगवान इस घटना में मारे गए लोगों की आत्मा को शांति दें और उनके घर वालों को इससे लडऩे की शक्ति प्रदान करें। देशवासियों को इस समय संगठित होकर इस दुख का सामना करने की जरूरत है।

काबिलियत पर सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की काबिलियत पर ही सवाल उठा दिया है। उन्होंने कहा है कि जब गृह मंत्री का प्रमोशन उनकी कार्यक्षमता के बजाए वफादारी पर हुआ है तो ऐसे में उनसे क्या अपेक्षा की जा सकती है?

चार दिन पहले काटे थे सीसीटीवी के तार
दिलसुख नगर में लगे सीसीटीवी कैमरों के तार चार दिन पहले ही काट दिए गए थे। जबकि इससे पहले बताया जा रहा था कि उस इलाके के सीसीटीवी कैमरे खराब थे। आतंकी हमले की सूचना और एलर्ट के बाद भी हैदराबाद में सुरक्षा लचर रही, इस खुलासे से पुलिस की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।

ऐसे दिया गया हैदराबाद ब्लास्ट को अंजाम!

पुणे माड्यूल तर्ज पर ब्लास्ट
सूत्रों के मुताबिक लश्कर ने इस प्लानिंग का पूरा खाका यासीन भटकल और उसके साथियों को भी समझा दिया था। धमाकों का शक इंडियन मुजाहिदीन के पुणे मॉड्यूल पर है, क्योंकि ये हैदराबाद के धमाके पुणे के धमाकों से पूरी तरह मेल खा रहे हैं। अभी तक की जांच में धमाकों में इस्तेमाल किए गए सामान का पता चला है। आईईडी बनाने के लिए अमोनियम नाइट्रेट, सल्फ्यूरिक एसिड और कुछ ज्वलनशील पदार्थों का इस्तेमाल किया गया।

मोबाइल बना हथियार
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि धमाकों के लिए मोबाइल फोन को हथियार बनाया गया। मोबाइल ट्रिगर के जरिए ही हैदराबाद में दोनों धमाके किए गए। यही वजह है कि अब पुलिस दिलसुख नगर में किए गए सारे मोबाइल कॉल्स की डिटेल्स को खंगाल रही है। जांच एजेंसियां धमाके से आधे घंटे पहले और आधे घंटे बाद किए गए सारे कॉल की डिटेल्स निकालने में जुटी हैं। दिलसुख नगर में इस दौरान कुल 42,379 कॉल्स किए गए। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इन्हीं कॉल्स में धमाकों का राज छिपा है।

धमाके के बाद कश्मीर से आई 8 संदिग्ध कॉल 
हैदराबाद सीरियल बम धमाके में जांच एजेंसियों को सुराग मिलने लगीं हैं। सूत्रों के मुताबिक धमाके के बाद हैदराबाद के शाहिन बाग में जम्मू कश्मीर से कॉल आई। करीब आठ कॉल आई। फिलहाल जांच एजेंसियां इस बारे में ज्यादा खुलासा नहीं करना चाहती है। महाराष्ट्र के नांदेड़ और अहमद नगर में महाराष्ट्र एटीएस की टीम छापेमारी कर रही है। जांच एजेंसियों का कहना है कि महाराष्ट्र के नांदेड़ और अहमद नगर में छापेमारी से कुछ लीड मिल सकते हैं। लेकिन कोई ठोस लीड की बात करें तो जांच एजेंसियों का कहना है कि इस बाबत उनके पास कुछ भी ठोस नहीं है। फिलहाल एनआईए, एनएसजी और महाराष्ट्र एटीएस की टीम हैदराबाद में ब्लास्ट स्थल पर मौजूद हैं। फॉरेंसिक साक्ष्य उठाए जा रहे हैं। जांच एजेंसियां जानकारी के आधार पर स्केच बना रही है।

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