गुरुवार, 21 अगस्त 2008

आजाद है भारत..

आजाद है भारत,

आजादी के पर्व की शुभकामनाएँ।

पर आजाद नहीं जन भारत के,

फिर से छेड़ें संग्रामजन की आजादी लाएँ।

देशभक्ति से ऒतप्रोत यह रचना है श्रीमान दिनेशराय द्विवेदी की।

1 टिप्पणी:

  1. टिप्पणी के माध्यम से दिनेश जी की यह उम्दा रचना पढ़ी थी. आपका आभार.

    जवाब देंहटाएं